चंद दिनों पहले इसराइल ने हमास के सबसे बड़े खूंखार प्रमुख स्माइल हानियां की हत्या करवा दी। तब से इजरायल और ईरान के बीच एक और बड़े युद्ध की धमक आ रही है। इजरायल से बदला लेने के लिए ईरान ने भी कसम खाली है। ईरान के सुप्रीम नेता ने इसराइल को सबक सिखाने के लिए मन बना लिया है। लेकिन इन दोनो के बीच युद्ध होने से पूरे मध्य पूर्व में तनाव बढ़ सकता है।
ईरान और इजराइल के बीच हो सकती है सीधी जंग
एक तरफ जहां ईरान ने युद्ध की संभावनाओं को देखते हुए रूस से उसका महाशक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम S- 400 की मांग की है। वहीं इजराइल के समर्थन में अमेरिका में अपने जंगी जहाजों को पानी में उतर दिया है।
ईरानी मीडिया के अनुसार ईरान ने सोमवार को रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई सोइगु की यात्रा के दौरान रूसी रक्षा प्रणाली की मांग की थी। वही जवाब में रूस ने ईरान के पक्ष में खड़ा रहने की हामी भर दी है। ये पूरा वाकया इजराइल द्वारा हमास प्रमुख हानियां की हत्या करने के बाद बाद शुरू हुआ है। जिसके जवाब में ईरान ने भी इजराइल को बड़ी धमकी दे दी है।
रूस की मजबूरी है ईरान के साथ जाना
ईरानी रिपोर्ट के अनुसार रूस यूक्रेन युद्ध में ईरानी ड्रोनो पर ज्यादा निर्भर है, इसलिए आर्थिक मौके पर जूझते हुए भी रुस ईरान के साथ खड़ा रहेगा। ये अलग बात है कि रूस के साथ इजराइल का भी आर्थिक संबंध के साथ सांस्कृतिक संबंध भी है। इसके बाद भी मास्को ईरान के साथ खड़ा रहेगा।
रूस निर्भर है ईरान के हरियारों और ड्रोन पर
बीते चंद महीने पहले जब ईरान ने इसराइल पर रॉकेट हमला किया था, उस दौरान भी मास्को ईरान के पक्ष में अपना पक्ष रखता नजर आया था। इधर एक बार ईरान द्वारा रुस से उसके सबसे ताकतवर एयर डिफेंस सिस्टम को मांग कर ईरान ने बता दिया कि रूस उसकी मांग को ठुकरा नहीं सकता।
हालांकि ये बात इजराइल को भी मालूम है कि रुस की मजबूरी भी हैं ईरान के साथ जाने की, क्योंकि रूस सालों से चल रहे यूक्रेन युद्ध के लिए ड्रोन समेत अनेकों हथियारों के लिए ईरान पर निर्भर है।